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वाल्मिकी आश्रम
लव एंड कुश का जन्म यहीं हुआ थारा टी परयहीं पर वाल्मिकी ने वाल्मिकी रामायण लिखी थी

दीपांजलि
कहते है कि यहां दीपक जलाने वाले भक्त की मनवांछित मनोकामनाएं सदैव पूरी होती हैं

स्वामी जीतेन्द्रानन्द तीर्थ
वह पवित्र संत जिनकी प्रेरणा पर मंदिर का निर्माण किया गया था

एमएपी.जेपीईजी

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©2000 सीता समाहित स्थल, सीतामढी मंदिर द्वारा। अस्वीकरण/नियम एवं शर्तें 

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