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सीता समाहित स्थल
सीतामढी मंदिर
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वाल्मिकी आश्रम
लव एंड कुश का जन्म यहीं हुआ था
रा
टी पर
यहीं पर वाल्मिकी ने वाल्मिकी रामायण लिखी थी
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दीपांजलि
कहते है कि
यहां दीपक जलाने वाले भक्त की मनवांछित मनोकामनाएं सदैव पूरी होती हैं
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स्वामी जीतेन्द्रानन्द तीर्थ
वह पवित्र संत जिनकी प्रेरणा पर मंदिर का निर्माण किया गया था
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